’अवध भारती संस्थान की वेबसाइट का लोकार्पण’

 


 




लखनऊ। पद्मश्री डा. योगेश प्रवीन ने अवध अवधी डाट काम का लोकार्पण करते हुए कहा कि ‘अवध भारती संस्थान की वेबसाइट अवधी भाषा, साहित्य और संस्कृति के अनुशीलन, विकास और संवर्द्धन में महत्वपूर्ण योगदान करेगी। 


बख्शी तालाब के एस.आर. इन्जिनियरिंग कालेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम के अध्यक्ष ’प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित’ ने कहा कि अवध भारती संस्थान ने पिछले तीस वर्षों में अवधी भाषा और साहित्य तथा संस्कृति के प्रचार-प्रसार, सम्पादन-प्रकाशन, शोध सर्वेक्षण और अध्ययन अनुशीलन में महत्वपूर्ण योगदान किया है।


संस्थान के अध्यक्ष ’डा. रामबहादुर मिश्र’ ने संस्था के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि विगत तीस वर्षों में संस्थान द्वारा 112 पुस्तकें प्रकाशित होना, उनमें 15 पुस्तकों को हिन्दी संस्थान से पुरस्कृत होना तथा विगत पच्चीस वर्षों से अवध ज्योति त्रैमासिकी के प्रकाशन के साथ साथ समकालीन अवधी साहित्य का प्रचार-प्रसार संस्थान की सबसे बड़ी उपलब्धि है।


इस अवसर पर ’रमाकान्त तिवारी ‘रामिल’’ की अवधी काव्य कृति ‘माटी’ का लोकार्पण भी किया गया। समारोह में समागत विद्वानों, साहित्यकारों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अवधी के सर्वांगीण विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन देकर ’अवधी अकादमी’ के गठन हेतु प्रस्ताव भेजा जाय।


कार्यक्रम का संचालन ’नागेन्द्र बहादुर सिंह चैहान’ ने किया। एस.आर.समूह के चेयरमैन ’पवन सिंह चैहान’ ने सभी सम्मानित साहित्यकारों को बधाई देते हुए उपहार भेंट किया। कार्यक्रम में ’सर्वश्री अशोक बनर्जी, कुसुम वर्मा, विश्वम्भर नाथ अवस्थी, जितेन्द्र कुमार मिश्र, मंजू श्रीवास्तव, इकबाल बहादुर राही’ समेत अनेक लोग मौजूद थे।


’प्रो. कमला श्रीवास्तव समेत 14 विभूतियों को अवध ज्योति रजत जयन्ती सम्मान’


अवध ज्योति के रजत जयन्ती सम्मान समारोह के क्रम में चैदह अवधी आराधकों को ‘अवध ज्योति रजत जयन्ती सम्मान’ प्रदान किया गया। इसमें ’पद्मश्री डा. योगेश प्रवीन,’ संगीत विदुषी ’प्रो. कमला श्रीवास्तव,’ लोक भूषण ’डा. विद्याविन्दु सिंह,’ संगीतकार ’केवल कुमार,’ शिक्षाविद ’पवन सिंह चैहान,’ पत्रकार ’सन्तोष वाल्मीकि,’ पत्रकार ’शिवशरण सिंह गहरवार,’ आरजे ’नूतन वशिष्ठ,’ रंगकर्मी ’विनोद मिश्र,’ स्माइलमैन ’सर्वेश अस्थाना,’ पत्रकार ’हेमेन्द्र प्रताप सिंह तोमर,’ लोक संस्कृति उन्नायक ’श्रीमती सुधा द्विवेदी,’ लोक गायिका ’संजोली पाण्डेय’ और आईटी विशेषज्ञ ’मोहित राय’ को प्रतीक चिन्ह, अंगवस्त्र व पुस्तकें प्रदान की गयीं।


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