कविता सेठ के ‘इकतारा-रूह की धुन’ पर झूम उठे दर्शक
लखनऊ। भारतीय शास्त्रीय प्रदर्शन कला को प्रोत्साहित करने एवं बढ़ावा देने के लिए समर्पित, एचसीएल काॅन्सर्ट्स ने लखनऊ के कला मंडपम आडिटोरियम, केसरबाग में अपनी नौंवी काॅन्सर्ट का आयोजन किया। इस समारोह में मशहूर सूफी म्यूज़िक मैस्ट्रो एवं प्लेबैक सिंगर, कविता सेठ की मधुर प्रस्तुति दी गई। कविता सेठ ने मूवी ‘वेकअप सिड’ में अपने शास्त्रीय सूफी गीत ‘गुंजा सा कोई इकतारा’ के लिए बहुत ख्याति पाई। इस समारोह को एचसीएल कॉन्सर्ट की आफिशियल वेबसाईट पर लाईव-स्ट्रीम किया गया।
दो घंटे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में पांच सौ से ज्यादा संगीतप्रेमियों ने हिस्सा लिया। इसमें मिस कविता सेठ ने लगभग 25 गानों जैसे ‘खुदा वही है, छाप तिलक, मन कुंतो मौला, एक नजर मेरे सरकार, झीनी रे झीनी रे एवं गुंजा सा कोई इकतारा पर अपनी बेहतरीन प्रस्तुती दी। कविता सेठ के साथ अब्लेटन पर कनिष्क सेठ, बांसुरी पर रजत प्रसन्ना, बेस गिटार पर वरुण कपाही, प्यानो पर अनिरुद्ध वर्मा, गिटार पर धीरेन रायचूर, पर्कशन पर नीतिश रानादिवे, संतूर पर मंगेश जगताप और तबला पर आशीष बिस्वास ने संगीत में चार चांद लगा दिये।
लखनऊ में श्रोताओं की प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर कविता सेठ ने कहा कि इस शहर में परफाॅर्म करने में सदैव बहुत खुशी मिलती है। यह शहर न केवल देश के सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है, बल्कि यह मेरा दूसरा घर भी है। मेरे गाने संगीत में वर्तमान कल्चर को प्रतिबिंबित करते हैं और युवाओं की रुचि के अनुरूप हैं। एचसीएल काॅन्सर्ट युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय प्रदर्शन कला को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है और मुझे खुशी है कि मुझे इस प्लेटफाॅर्म का हिस्सा बनने का मौका मिला।
भारत की कला व सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं प्रोत्साहन एचसीएल के हृदय के काफी नज़दीक है। यह 22 सालों से एचसीएल काॅन्सर्ट्स का आयोजन करता आ रहा है। ये काॅन्सर्ट भारत की शास्त्रीय प्रदर्शन कला की गौरवशाली विरासत में समाहित प्रतिभाओं का विकास करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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