ग्रामीण विकास के लिए किसी को मशाल लेकर आगे चलना होगा: डॉ राकेश निगम

लखनऊ। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में स्थापित ग्रामीण संचार एवं विकास केंद्र के अंतर्गत ’ग्रामीण विकास में सूचना, शिक्षा और संचार की भूमिका’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का संयोजन ग्रामीण संचार एवं विकास केंद्र (सेंटर ऑफ़ एक्सिलेंस) की समन्वयक डॉ तनु डंग द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मीडिया सलाहकार और शिक्षाविद्, डॉ राकेश निगम रहे।

डॉ निगम ने आपने उद्बोधन में कलाम साहब को याद करते हुए कहा कि हर युवा विकसित भारत का एक हिस्सा है। विद्यार्थियों को आईईसी (इन्फोर्मेशन, एजुकेशन एंड कम्यूनिकेशन) के बारे मे बताते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास में सूचना एवं संप्रेषण की महत्वपूर्ण भूमिका है। सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की बात करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण संचार को इस विषय से जोड़कर देखने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की आत्मा गांव में बस्ती है और अगर देश को आगे बढ़ना है तो किसी को मशाल लेकर आगे चलना होगा। 

विभाग की विषय प्रभारी डॉ रूचिता सुजॉय चौधरी ने बताया कि यह एक ऐसा विषय है जिसमें अधिक काम करने की आवश्कता है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से कहा कि वह इस विषय में अवश्य काम करें।  

कार्यशाला में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। ऑनलाइन रूप से भी कई प्रतिभागी कार्यशाला में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अंकित मौर्य, शोध सहायक, ग्रामीण संचार एवं विकास केंद्र ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन आलोक शेखर मिश्र, तकनीकी सहायक, ग्रामीण संचार एवं विकास केंद्र ने दिया। कार्यक्रम में डॉ काज़िम रिज़वी, डॉ शचीन्द्र शेखर, डॉ नसीब, मोहसिन हैदर आदि के साथ पत्रकारिता एवं अन्य विभागों के कई विद्यार्थी उपस्थित रहे। 



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