आत्मनिर्भर भारत को नई उड़ान देगा भारत-मॉरीशस मुक्त व्यापार समझौता

नई दिल्ली (ना.स.)। भारत और मॉरीशस दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी विजन आत्मनिर्भर भारत को नई उड़ान देने वाला है। इस समझौते से भारतीय वस्तुओं को और सर्विस सेक्टर की 115 कंपनियों माॅरीशस में अपनी जगह बनाने का मौका मिलेगा।

यह समझौता मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण जगनाथ और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मौजूदगी में हुआ। यही नहीं इस दौरान भारत-मॉरीशस के बीच एक डिफेंस एग्रीमेंट भी हुआ, जिसके तहत मॉरीशस को भारत 100 मिलियन डॉलर का लाइन ऑफ क्रेडिट देगा। इससे मॉरीशस अपने रक्षा क्षेत्र की जरूरतों को भारतीय डिफेंस मैन्युफैक्चरर के माध्यम से पूरी कर पाएगा। बताया जा रहा है कि यह दोनों समझौते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी विजन आत्मनिर्भर भारत को नई उड़ान देने वाले हैं। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि भारत द्वारा किसी भी अफ्रीकी देश के साथ किया गया यह पहला मुक्त व्यापार समझौता है। जिस पर वाणिज्य सचिव अनूप वधावन और मॉरीशस के क्षेत्रीय एकीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सचिव (विदेश मामले) राजदूत हेमंडोयल डिलम ने भारत-मॉरीशस व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौते तथा डिफेंस एग्रीमेंट पर पोर्ट लुईस में हस्ताक्षर किए। 

मॉरीशस की मार्केट में भारतीय वस्तुओं को आसानी से मिल जाएगी एक्सेस

इस समझौते के तहत अफ्रीकी देश मॉरीशस में भारत की 310 वस्तुओं को रियायती सीमा शुल्क पर मार्केट एक्सेस मिल जाएगा। वस्तुओं में खाद्य और पेय पदार्थ (80 लाइनें), कृषि उत्पाद (25 लाइनें), टेक्सटाइल्स और बने हुए कपड़े (27 लाइनें),  बेस मेटल और उससे बनी हुई वस्तुएं (32 लाइनें), इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक आइटम (13 लाइनें) एवं प्लास्टिक और रसायन (20 लाइनें) शामिल हैं।

सर्विस सेक्टर की 115 कंपनियों को मॉरीशस में मिलेगा स्थान

समझौते के तहत भारतीय सर्विस सेक्टर के 11 क्षेत्रों के 115 उप-क्षेत्र की कंपनियों को मॉरीशस में आसानी से अपना व्यवसाय स्थापित करने की छूट मिल जाएगी। वहीं मॉरीशस सर्विस सेक्टर के 11 क्षेत्रों के 95 उप-क्षेत्र की कंपनियां भारत में अपना व्यवसाय स्थापित कर पाएंगी।

पीएम मोदी के सागर विजन के तहत हुआ डिफेंस एग्रीमेंट

हिंद महासागर का देश मॉरीशस, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सागर (सुरक्षा और क्षेत्र में सभी के लिए विकास) विजन में एक विशेष स्थान रखता है। इसी को ध्यान में रखकर दोनों देशों के बीच यह डिफेंस एग्रीमेंट हुआ है। इसके तहत एक डोर्नियर विमान और एक एडवांस लाइट हेलीकाप्टर दो साल के लिए मॉरीशस को लीज पर दिया जाएगा। इस एग्रीमेंट से भारत की डिफेंस सेक्टर की कंपनियों को भी काफी फायदा होने वाला है। इससे यहां की डिफेंस सेक्टर की कंपनियां अपना माल मॉरीशस को बेच सकेंगी।

दोनों देशों के बीच बढ़ा द्विपक्षीय व्यापार

बता दें कि भारत और मॉरीशस के बीच द्विपक्षीय व्यापार ने वित्त वर्ष 2005-06 में 206.76 मिलियन अमरीकी डालर से 233ः की वृद्धि दर्ज की है, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 690.02 मिलियन अमरीकी डालर है। भारत का निर्यात मॉरीशस में वित्त वर्ष 2005-06 में 199.43 मिलियन अमरीकी डालर था, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 232ः बढ़कर 662.13 मिलियन अमरीकी डालर हो गया। वित्त वर्ष 2019-20 में, मॉरीशस से भारत का आयात वित्त वर्ष 2005-06 में 7.33 मिलियन अमरीकी डालर से बढ़कर 27.89 मिलियन अमरीकी डालर हो गया है।


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