दस्यु उन्मूलन अभियान में डॉ गिरीश बिहारी का बड़ा योगदान: डॉ विक्रम सिंह

लखनऊ (ना.स.)। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ गिरीश बिहारी के जन्मदिवस पर उनके कामो एवं उनके पुलिस विभाग में रहते हुए किये गए कार्यो का संस्मरण किया गया। इस मौके पर पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ विक्रम सिंह ने भी अपने विचार साझा किए। 

उनकी पुत्रवधू डॉ सीमा वर्मा की अध्यक्षता में उनके निवास स्थान पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ सीमा वर्मा ने स्व गिरीश बिहारी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए कहा कि वे ना केवल कर्मठ, निर्भीक और ईमानदार पुलिस सेवा कर्मी के रूप में जाने जाते थे वरन उनके द्वारा मानवीय विचारधारा के साथ स्थापित शैक्षिक संस्थान "इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजुकेशन' अपंग तथा आर्थिक रूप से कमजोर एवं होनहार विद्यार्थियों हेतु संचालित किया गया और आज भी उनके द्वारा स्थापित इस संस्था की गुणवत्ता हेतु डॉ गिरीश बिहारी को उनके विद्यार्थी स्मरण करते हैं।

उनके दोनों पौत्रों के लिए उनके बाबा का जीवन अत्यंत प्रेरणादायक है। वर्ष 2009 में उनकी मृत्यु के पश्चात अपने पिता द्वारा प्रचलित इसी मानवीय दृष्टिकोण एवं शिक्षा प्रणाली को उनके पुत्र अपूर्व वर्मा द्वारा आगे बढ़ाया गया ।  

पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ विक्रम सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि डॉ गिरीश बिहारी ने भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी पदों पर रहते हुए अनेक सफल प्रयोग किए। कम्युनिटी पुलिसिंग के ऊपर विश्व के प्रचलित व्यवस्था का अध्ययन किया और बरेली,आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पद पर रहते हुए अनेक सार्थक अभिनव प्रयोग किए । उन्होंने माफिया, अपराधियों तथा अनेक असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने का कार्य बहुत ही निर्भीकता से करके पुलिसकर्मियों के समक्ष मानक स्थापित किया । उनका दस्यु उन्मूलन अभियान में बड़ा योगदान रहा।

फतेहगढ़ के एक साधारण परिवार में जन्मे बहुमुखी प्रतिभा से युक्त डॉ गिरीश बिहारी पुलिस महानिदेशक के पद तक पहुंचे और अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाकर हर साधारण नागरिक के लिए अनुकरणीय उदाहरण पेश किया। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्पेशल एजुकेशन संस्था के प्रांगण में डॉ गिरीश बिहारी की मूर्ति स्थित है और उनके लिए मशहूर शायर मजरूह सुल्तानपुरी द्वारा लिखी गई पंक्तियां, बिल्कुल सही प्रतीत होती है "मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंजिल मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।"

पुष्पांजलि सभा में उनकी पुत्रवधू डॉ सीमा वर्मा, पौत्र सिद्धांत वर्मा एवं अनंत वर्मा, उनकी भांजी रूपाली सक्सेना, मनीष सक्सेना, निशिथ कुमार, पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ विक्रम सिंह तथा उनके द्वारा स्थापित शैक्षिक संस्थान आईआईएसई में कार्यरत कर्मचारी प्रतिमा श्रीवास्तव तथा अन्य मौजूद रहे।


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