परिषदीय विद्यालयो की स्थिति काफी दयनीय

एक ओर सरकार करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा कर सर्व शिक्षा अभियान स्कूल  चलो  अभियान मध्यान भोजन मुफ्त पुस्तकें मुफ्त ड्रेस जैसे तमाम कार्यक्रम चलाते हुए विद्यालय में शत-प्रतिशत बच्चों का दाखिला कराए जाने पर जोर दे रही है वहीं क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयो की स्थिति काफी दयनीय है 


शिक्षा क्षेत्र सिरौलीगौसपुर अंतर्गत परिषदीय विद्यालयो में बच्चों को दी जा रही शिक्षा की जमीनी हकीकत का आकलन करने जब यहां संवाददाता 10 00 बजे परसा  प्रथम प्राइमरी विद्यालय  पहुंचा तो परसा  प्रथम मे पंजीकृत  58 छात्रो के सापेक्ष 12 छात्र  व प्राथमिक विद्यालय  सरदहा व  जूनियर हाई स्कूल परसा  प्रथम सरदहा मे एक ही विद्यालय मे संचालित का चार्ज संभाले एक ही अध्यापक दीपेश कुमार मौके पर मौजूद मिले उन्होंने बताया कि 7 माह से कन्वर्जन कास्ट का पैसा नहीं आया है अपनी जेब से वे मध्यान भोजन बनवा रहे थे आज से बंद कर दिया गया है 


10 00 बज कर 38 मिनट पर प्राथमिक विद्यालय कोठीडीहा पहुंचने पर पंजीकृत 42 छात्रों के सापेक्ष 5 छात्र व इंचार्ज प्रधानाध्यापक पूनम शर्मा शिक्षामित्र शशि लता व संगीता सिंह मौके पर मौजूद मिली 11 28 पर प्राथमिक विद्यालय सिरौली गुंग पहुंचने पर यहां पर पंजीकृत 74 छात्रों के सापेक्ष 15 छात्र इंचार्ज प्रधानाध्यापक प्रेरणा पाल व शिक्षामित्र बिनीत सिंह उपस्थित मिले प्राथमिक विद्यालय सहनी मऊ 12 00 बजे पहुंचने पर पंजीकृत 107 छात्रों के सापेक्ष 24 छात्र सहायक अध्यापक राकेश कुमार उपस्थित मिले वहीं प्रधानाध्यापक अफजाल अहमद मौके से गायब मिले पूछने पर पता चला कि वे किसी कार्य से किंतूर को गए हैं ।


अब सवाल यह उठता है कि सरकार बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए  तमाम ताना-बाना बुनती है कि जब छात्रों को अच्छी शिक्षा मिलेगी तब यह भविष्य में किसी  लायक बन जाएंगे तो वही शिक्षा विभाग के अध्यापक ही शासन की मंशा पर पानी फेरते हुए नजर आते हैं



 


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