मतदान केन्द्र को हटाने की मॉग जिला निर्वाचन अधिकारी से ऽ रास्ता न होने के बावजूद बनता आ रहा है मतदान केन्द्र

फतेहपुर बाराबंकी। जहॉ एक ओर प्रशासन मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिये बैठके आहूत कर रहा है और अनेको तरीके अपनाकर मतदाता को अपने मत की ताकत का एहसाश करा रहॉ है वही दूसरी ओर एक तपका मतदान स्थल को अन्य़त्र ले जाने की गुहार लगा रहा है हो भी क्यो न दर्द तो उसी को होता है जिसे चोट लगती है   आजादी के इतने दशक बीत जाने के बाद भी प्रशासनिक अनदेखी का खामियाजा आज भी ग्रामीणो को ही तो भुगतना पड़ रहा है।


ले चलते है तहसील फतेहपुर के ग्रॉम खपुरवाखानपुर और दिखाते है यहॉ का वो पवित्र स्थान जिसे पढे-लिखे की भाषा मे शिक्षा का मन्दिर प्राथमिक विद्यालय कहॉ जाता है जो आजादी से आज तक एक अदत सरकारी रास्ते की बाट जोह रहॉ है इसके बावजूद अभी तक मतदान केन्द्र बनाया जाता रहॉ है जो सरासर  चुनॉव आयोग के मानको की अनदेखी है चुनाव आयोग के निदेशानुसार जिस जगह पर जाने का सुगम रास्ता न हो उसे मतदान केन्द्र नही बनाया जा सकता पर ऐसा हो रहा है तो क्या यह व्यवस्था को चैलेन्ज करने जैसा नही है अगर हॉ तो अब तक शिकायत के बाद उन समबन्धित अधिकारियो पर कार्यवाही क्यो नही की गयी। बताते चले कि  इस विद्यालय (मतदानकेन्द्र) ने गॉव को इंजीनियर, अधिवक्ता, अध्यापक जैसे पदो पर पहॅुचाया है जो तब भी दूसरो के खेत की मेड़ से होकर विद्यालय आते थे और आज भी उनके लड़के आ रहे है वर्षो बीत जाने के बाद भी स्थित वही की वही है इसी गॉव के निवासी आर टी आई कार्यकर्ता कृपाशंकर वर्मा ने इस मूल जन समस्या को कई बार उठाया और अब इस मानक विहीन मतदान केन्द्र (प्राथमिक विद्यालय)  को बाजू के ग्राम से सम्बद्व करने की गुहार जिला निर्वाचन अधिकारी से की है मालुम हो कि खण्ड़ विकाश अधिकारी फतेहपुर ने गहनता से जॉच कर ये बताया कि 1969.70 मे हुयी चकबन्दी के दौरान भी इस विद्यालय को रास्ता नही दिया गया और ग्रामीणो की निजी जमीनो मे रास्ता बनाना सम्भव नही है तो क्या प्रशासन मतदान केन्द्र को अन्यत्र ले जायेगा या फिर मतदान स्थल तक मतदाताओ को रास्ता मुहैया करायेगा ?
   


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