NLC में विधानमंडल सदस्यों की उपस्थिति उत्तर प्रदेश की छवि को और बेहतर बनाएगी: सतीश महाना

  • सतीश महाना ने विधानसभा सदस्यों के परिचय पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन भी किया


लखनऊ। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि मुम्बई में 15 16 एवं 17 जून को आयोजित होने वाले नेशनल लेजिस्लेटर्स कांफ्रेस में विधानमंडल सदस्यों की उपस्थिति से उत्तर प्रदेश की छवि को और बेहतर बनाने का काम किया जाएगा। इस दौरान कई सत्रों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें विधायिका से जुडे कई अहम मुद्दो पर समानान्तर चर्चा होगी। साथ ही जनहित में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस मौके पर आज विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने विधानसभा सदस्यों के परिचय पर आधारित एक पुस्तक का भी विमोचन किया।

विधानभवन में पुरुषोत्तम दास टंडन हाल में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि एनएलसी कांफ्रेन्स में पूर्व लोकसभा अध्यक्षों की भी सहभागिता होगी। इसमें सभी राज्यों के विधानमंडल सदस्य विधिक जानकार और सिविल सोसाइटी के प्रबुद्वजन शामिल होगें। उत्तर प्रदेश के अधिक से अधिक विधानसभा सदस्यों एवं विधान परिषद के सदस्यों का इस कांफ्रेस में प्रतिनिधित्व हो, इसके लिए उन्हे प्रेरित किया जा रहा है। कई सत्रों के आयोजन में कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। जिसमें अलग अगल राज्यों के विधायकों को एक दूसरे को जानने और समझने का अवसर मिलेगा। 

श्री महाना ने कहा कि एम.आई.टी. स्कूल आफ गवर्नमेंट और भारतीय छात्र संसद की तरफ से आयोजित इस तीन दिवसीय कांफे्रस में शामिल होने के लिए अब तक 160 के आसपास विधानमंडल सदस्यों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा दिया है। 

श्री महाना ने कहा कि अबकि बार 18वीं विधान सभा का हमने युवा आयु समूह को अलग और शैक्षिक पृष्ठ भूमि की अलग, पी.एच.डी. डिग्री धारकों की सूची अलग, चिकित्सा डिग्री धारक की सूची अलग, इंजीनियरिंग की अलग, लिखी है। एमबीए बीबीए, पीएचडी डिप्लोमा धारक की सूची अलग है। तथा स्नातक व परास्नातक एवं विधि डिग्र्री धारकों की सूची अलग है। व्यवसायिक एवं कृषि व्यवसाय से संबंधित सूची अलग लिखी है। व्यवसाय एवं सरकारी सेवाओं के जो लोग चुनाव जीत के आये हैं उनकी सूची अलग है। विधायी आधार पर उनकी संख्या और उनका नाम लिखा है। प्रथम बार व दूसरी बार के लिये अलग बनाई गई है। इस प्रकार 9वीं 10 वीं बार तक की अलग सूची बनाई गयी है। अबकी बार हमने सबके नाम अलग-अलग लिखे है। 

आज का जो विषय है वह महत्वपूर्ण है। जिसके लिए मैं आप सब लोगो से निवेदन करना था कि एक एम.आई.टी. यूूनिवर्सिटी पुणे में है। जिसके पास 60 हजार स्टूडेन्ट है विभिन्न विधाओं के है। उनके द्वारा भारतीय छात्र संसद के रूप में 2005 से इस प्रकार का कार्यक्रम किया जा रहा है। पिछले वर्ष जब मुझे स्पीकर का दायित्व मिला तो मैं अगस्त में पूना छात्र संसद में मुख्य अतिथि के नाते वहाँ गया था। तो वहां जिस प्रकार से राजनैतिक क्षेत्र के अन्तर्गत लोगों को शिक्षा देते हुए जो जानकारी देने की कोशिश करते है। उसमें मेरे और राहुल कराड, संस्थापक एमआयटी स्कूल ऑफ गव्हर्नमेंट के साथ में चर्चा की गई की आप के द्वारा पूरे देश के विधायक और परिषद के सदस्यों की एक कान्फ्रेंस की जाय और राहुल कराड ने अपनी परिकल्पना की चर्चा की और मैंने सुझाव दिया की आपके द्वारा जिसमें देश के प्रख्यात समाज के लोग पहले से ही देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मुख्य चुनाव आयुक्त, लोक सभा के स्पीकर, विधान सभा के स्पीकर, भारत सरकार के मिनिस्टर एवं कई अधिकारी भी जुड़े हुए हैं, जिसके लिए एक कमेटी बनी जिसमें लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन जी, मीरा कुमार जी, मनोहर जोशी जी, शिवराज पाटिल जी, उनके साथ एक कमेटी बनी जिसमें वंकैयानायडू नायडू भी शामिल है तथा इस कार्यक्रम का संयोजन राहुल वि. कराड के द्वारा कीया जा रहा है। 

इस सन्दर्भ में मैने स्पीकर लोकसभा ओम बिरला से चर्चा किया। तो उनकी सहमति पर एक नेशनल कान्फ्रेंस मुम्बई में करवाया जा रहा है। इस नेशनल काफ्रेंस का ये भाव है कि जो विधायक है उन्हें अपने क्षेत्र के लिए काम करना चाहिए। जब देश के लिए इन्हीं लोगों को काम करना है तो उसके लिए राष्ट्रीय विजन होनी चाहिए।

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