सभी सम्बद्ध संस्थान पांच पांच आंगनबाड़ी केंद्र भी गोद लेंः राज्यपाल


लखनऊः 12 नवम्बर, 2020
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि द्वारा राजभवन स्थित गांधी सभागार में राज्यपाल एवं विवि की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने हेतु प्रोत्साहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक, अपर मुख्य सचिव राधा एस चैहान, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश गुप्ता, जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश एवं लखनऊ क्षेत्र के विवि के सम्बद्ध संस्थानों के चेयरमेन एवं निदेशक उपस्थित रहे। 


कुलपति प्रो पाठक ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगो का स्वागत करते हुए कहा कि  कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में विवि सामाजिक सहभागिता के क्षेत्र प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने की मुहीम से सम्बद्ध संस्थानों को जोड़ने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।  कार्यक्रम में लखनऊ के 26 निजी सम्बद्ध संस्थानो द्वारा 260 कुपोषित एवं 260 टीबी ग्रस्त बच्चो को गोद लिया गया। श्री पाठक ने कहा कि देश में होने वाली शिशु मृत्युदर में से लगभग 46 फीसदी शिशु कुपोषण के कारण अपनी जान गवां देते हैं। ऐसे में कुपोषित और टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर उनके पुनर्वास के लिए कार्य करना सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में पोर्टल बना कर गोद लिए गये कुपोषित और टीबी ग्रस्त बच्चों की मोनेटरिंग की जाएगी। एसीएस प्राविधिक शिक्षा राधा एस चैहान ने कहा कि यदि हम कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेकर उनके उत्थान के लिए कार्य करेंगे तो हम नयी पीढ़ी को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में सफल होंगे।



कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुपोषण को रोकने के लिए आगनबाडी केन्द्रों पर स्वच्छता की सुनिश्चितता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गैस कनेक्शन, बर्तन, बच्चों के लिए बैठने हेतु आसन की व्यवस्था आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने के साथ ही सम्बद्ध संस्थान पांच-पांच आंगनबाड़ी केंद्र भी गोद लें। संस्थान आंगनबाड़ी केंद्र पर बर्तन, बच्चों के लिए बैठने हेतु आसन, खिलौने, पुस्तकें आदि डोनेट करें, जिससे बच्चों की केंद्र पर जाने की रूचि जाग्रत हो सके।  राज्यपाल ने कहा कि जिन संस्थानों ने गाँव गोद लिए हैं वह उन गाँवों में जाकर लोगों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करें जिससे ड्राप आउट बच्चों के प्रतिशत को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि बालिकाओं एवं महिलाओं में होमोग्लोबिन की कमी बच्चो में कुपोषण बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि देश में लगभग 40 से 50 फीसदी बालिकायें व महिलायें होमोग्लोबिन (खून) की कमी का शिकार हैं। ऐसे में हमें उनके के पोषण सबंधी विषय पर व्यापक रूप से जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।


उन्होंने कहा कि पूरे देश के 20 प्रतिशत टीबी ग्रस्त रोगी उत्तर प्रदेश में हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के क्रम में 2025 तक देश को टीबी से मुक्त कराना है। इसके लिए सामाजिक सहभागिता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों को विज्ञान के विषयों के साथ वाणिज्य और कला के विषयों को चयन करने की स्वतंत्रता होगी। ऐसे में हमें अपने शिक्षकों के ओरिएनटेशन के लिए प्रयास शुरू करने चाहिए उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति में संस्थानों को स्वायत्तशासी बनाने के लिए प्रावधान किये गये हैं। प्रदेश में उन्हीं संस्थानों को स्वायत्तशासी बनाया जायेगा जो सभी मानक पूर्ण करने के साथ सामाजिक सहभागिकता के क्षेत्र में भी बढ़ दृचढ़ कर योगदान देंगे।


जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा कि कुपोषित और टीबी ग्रस्त बच्चों की मोनेटरिंग के लिए जिला प्रशासन द्वारा दो सदस्यीय कोर्डिनेशन कमेटी गठित की गयी है, जो संस्थानों से समन्वयन स्थापित कर कार्य करेगी। 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही