कर में रियायतों से छोटे और मझोले उद्योगों को फायदाः सिद्धार्थनाथ सिंह


उद्योगों को गुणवत्ता पर देना होगा ध्यान



लखनऊ। 
भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से सांतवे क्षेत्रीय गुणवत्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया। प्रदेश सरकार में खादी और ग्रामोद्दोग कपड़ा छोटे और मझोले उद्दोगों तथा एनआर आई विभाग के मंत्री सिद्दार्थनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री ने करों में जिस तरीके से रियायतों का एलान किया है उससे उतर प्रदेश में उद्दोंगों खासकर छोटे और मझोले उद्दोगों को काफी फायदा होगा। लेकिन इसके लिए इन्हें गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा नहीं तो इन रियायतों का इन्हें पूरा फायदा नहीं मिल पायेगा।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार छोटे और मझोले उद्दोंगों को लेकर एक कानूनी मसौदा तैयार कर रही है। मसौदे में पर्यावरण के मुद्दे को छोड़कर अन्यकिसी भी मुद्दे को उद्दोग लगाने के बाद तीन साल के भीतर भी हल किया जा सकेगा। वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि मध्यम आय वर्ग के लोगों का एक बड़ा बाजार तेजी से उभरा है लेकिन उनकी मानसिकता गुणवत्ता को लेकर सकारात्मक है। गुणवत्ता के अभाव में कोई उत्पाद या कारोबार अब बहुत दिनों तक चलने वाला नहीं है। मंत्री ने सुझाव दिया कि गुणवत्ता नियंत्रण को लेकर जो भी सम्मेलन हो रहे है या नई शोधें हो रही हैं उन्हें पीएचडी जैसी संस्थायें अगर साहित्य या वीडियों के रुप में छोटे और मझोले कारोबारियों को मुहैया करायें तो इससे उन्हें काफी फायदा होगा, उन्होंने उद्दोंग जगत से जुड़ें अनुसंधान को सोशल मीडिया पर भी लाने का सुझाव दिया। 



सिद्दार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ब्रांडिंग गुणवत्ता का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि हांलही में प्रदेश सरकार ने एशियाई विकास बैंक के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए है जिसमें एडीबी प्रदेश सरकार के एक जनपद एक उत्पाद कार्यक्रम के लिए कर्ज देने पर सहमत हुआ है। प्रदेश सरकार के वन और पर्यावरण विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना अवस्थी ने कहा कि उद्दोगों के विकास के साथ ही हरित उत्पादकता तथा सामाजिक सरोकारों का भी ध्यान रखना होगा उन्होंने कहा कि किफायती आर्थिक गतिविधियों को अपनाने की आवश्यकता है । नीली अर्थव्यवस्था की चर्चा करतेहुए अवस्थी ने कहा कि अनुपयोगी पदार्थों की रिसाइक्लिंग करके उसका उपयोग करना होगा। उन्होंने हरित कार्यबल की भी चर्चा कि और कहा कि अगर कोई बिजली मिस्त्रीका कार्य कर रहा है तो उसे पता होना चाहिए कि कैसे वो उर्जा के बचत में सहयोगा कर सकता है।
प्रमुख सचिव ने उद्दोग 4 दशमलव शून्य की चर्चा करते हुए कहा कि अनुपयोगी पदार्थों को कम करने की तकनीकि छोटे और मझोले उद्दोंगों को समझनी होगी। राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रोत्साहन परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी के विश्वास ने अतिथियोंका स्वागत किया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में प्रदेश भर से आये कारोबारियों ने हिस्सा लिया।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही