सदन में व्यवधान के विषय पर भी होगी सातवें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मलेन में चर्चा


अमरेन्द्र सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने विधानभवन के राजर्षि पुरूषोत्तम दास टण्डन हाल में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान कॉमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोशिएसन के सातवें सम्मलेन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा 16 जनवरी को 11 बजे उत्तर प्रदेश की विधान सभा के मुख्य कक्ष में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन के उद्घाटन के उपरांत सम्मेलन की औपचारिक शुरूआत होगी। 



कॉमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोशिएसन के सातवें सम्मलेन के दौरान अनेक महत्वपूर्ण विषयों के साथ सदन की बैठकों के दौरान होने वाले व्यवधान और इसकी वजह से सदन की बैठकों के कम समय चलने के कारणों और इसके समाधान पर भी चर्चा होगी। देश दुनिया के संसदीय प्रतिनिधियों के बीच यह विषय जब आएगा तो इस पर विमर्श के उपरान्त प्राप्त होने वाले सुझाव बेहद महत्वपूर्ण होंगे। इन सुझावों को राष्ट्रीय स्तर पर बनी विधानसभा अध्यक्षों की समिति की रिपोर्ट में भी शामिल किया जाएगा, क्योंकि भारतीय संसद के सहित पूरे देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं के लिए सदन में व्यवधान लोकहित में एक बड़ी समस्या है।



उद्घाटन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उप सभापति, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टण्डन की मौजूदगी इस दौरान विशेष रूप से रहेगी। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कॉमनवेल्थ पार्लियामेन्ट्री एसोशिएसन में 8 रीजन माने जाते हैं भारत उसमे एक क्षेत्र है। भारतीय क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा रीजन है। उत्तर प्रदेश को पहली बार ये सम्मलेन आयोजित करने का अवसर मिला है।



विधानसभा अध्यक्ष ने लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला को उत्तर प्रदेश की ओर से धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि सभी विधानसभाओं और विधानपरिषद के अध्यक्ष परम्परा के अनुसार इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। सम्मेलन का मुख्य विषय जनप्रतिनिधियों की भूमिका को और प्रभावी बनाने, संसदीय सोच को और विकसित करना रहेगा। ये पूरी प्रकिया दो खंडों में रहेगी। पहला खण्ड सांसदों और विधायकों की भूमिका के परिपेक्ष्य में रहेगा और इसमें संविधान से सम्बंधित तमाम विषय शामिल रहेंगे। इसमें राज्यसभा के सभापति हरिवंश जी अपने विचार रखेंगे। दूसरा खण्ड विधानसभा में रखरखाव ओर अन्य चीजों से सम्बंधित विषय पर होगा इसमें विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित स्वयं अपने विचार रखेंगे।



श्री दीक्षित ने बताया कि सम्मेलन में आने वाले प्रतिनिधियों का अयोध्या दर्शन का कार्यक्रम भी संभावित है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया आदि के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। इस दो दिवसीय सम्मेलन का समापन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की उपस्थिति में होगा । यह सम्मेलन पिछले वर्ष बिहार में था। कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री सेशन के पटना में हुए उसी सम्मेलन से कुछ दिन पूर्व यूपी विधानसभा में सम्पन्न हुए विशेष सत्र की प्रेरणा मिली थी। और उसके बाद ही 36 घंटे का वह विशेष सत्र आयोजित किया गया था।



प्रेसवार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधानमंडल के सत्र की बैठकें ज्यादा दिनों तक सुचारू रूप से चलाए जाने का विषय भी इस कांफ्रेंस में रखा जाएगा। इस विषय पर जो विमर्श और सुझाव आएंगे उनको आगे अमल में लाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि विधानसभा के अध्यक्षों को मिलाकर राष्ट्रीय स्तर पर एक समिति बनायी गयी है, मुझे उसके अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली है। यह समिति भी जनहित में अधिक दिनों तक सत्रों की बैठकें कैसे चल सकें इस हेतु कार्य कर रही है। विस अध्यक्ष ने कहा कि इस विषय पर यदि आप पत्रकारों के कोई सुझाव हैं तो वो भी हमे भेज सकते हैं। सदन में व्यवधान न हो इसके लिए जो भी सुझाव उचित होंगे उन्हें कमेटी अपनी रिपोर्ट में जरूर शामिल करेगी।


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