राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र का सम्मेलन शुरू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने किया उद्घाटन


लखनऊ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आज गुरूवार को विधानभवन के सभा मंडप में राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ, सीपीए भारत क्षेत्र के 7वें सम्मेलन का उद्घाटन किया। समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए, राज्य के विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सभी का स्वागत किया। उत्तर प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चैधरी भी उदघाटन सत्र में शामिल हुए और भाषण दिया। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन  ने उद्घाटन सत्र को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित किया। राज्यपाल श्री टंडन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को सम्बोधित किया। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सम्बोधित किया। उद्घाटन सत्र अंत में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रमेश यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ की स्मारिका का विमोचन भी हुआ। इस दो दिवसीय सम्मेलन का समापन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल कल 17 जनवरी को करेंगी। इस सम्मेलन में मलेशिया और आस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त भारत के नौ राज्यों की विधान सभा के एवं दो राज्यों की विधान परिषद के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इसके पूर्व स्पीकर ओम बिरला को गार्ड आफ आनर दिया गया। तत् पश्चात उन्होने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।  



भारत विश्व में लोकतंत्र का नेतृत्व करने वाला सबसे बड़ा देश- ओम बिड़ला


लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सीपीए के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ कला और तहजीब की नगरी है। यहां का स्लोगन ही है-कि ‘मुस्कुराइये कि आप लखनऊ में है‘। मैं भी इस नगरी में आप सभी का स्वागत करता हूं। भारत देश लोकतंत्र की आस्था और विश्वास रखने में सबसे आगे है। लोकसभा और राज्य विधान मण्डल लोकतंत्र के निर्वाचन का सबसे बड़ा प्रतीक है। आजाद भारत के बाद हर चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ना यह बताता है कि भारत की जनता का लोकतंत्र के प्रति और जनप्रतिनिधियों के प्रति विश्वास बढ़ा है। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी उम्मीदों पर खरे उतरें। भारत एक ऐसा देश है, जहां राजनैतिक बहुलवाद भी है और यहां अनेकता में एकता की संस्कृति रही है। सदन के अन्दर पीठासीन अधिकारी की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। विधायिका का कार्य जनता के हित में कानून बनाना है। उन्हांेने कहा कि विधान मण्डल के पास यह अधिकार होता है कि वह सरकार के उपर नियंत्रण रखे और विकास के रास्ते पर सही दिशा में चलने को प्रेरित करे। सदन के सभी सदस्यों को ये अधिकार मिलना चाहिए कि सरकार उनके विचारों को गंभीरतापूर्वक ले जिससे जनता को वो जवाब दे सके।



उन्होंने कहा कि भारत विश्व मे लोकतंत्र का नेतृत्व कर रहा है। यह विकास का पर्याय बन चुका है। उन्होंने कहा कि सदन की भूमिका सबसे महतवपूर्ण होती है। इसलिए लोकतंत्र के मंदिर में स्वतंत्रता लोकतंत्र का प्रतीक रहा है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी है कि जनता की बात को सदन में रखे और उसपर सार्थक चर्चा हो। विपक्ष को एक दायरे में रहकर अपनी बात कहनी चाहिए। संसदीय समितियों की भी बड़ी भूमिका होती है। ये समितियां बजटीय प्रवधानों की समीक्षा के साथ सदन की कार्यवाही पर भी अपनी निगाह रखती है। उन्होंने कहा कि संसदीय परम्पराओं को कैसे ऊंचा उठा सके, ये हम सबकी जिम्मेदारी है। यह समूह 57 देशों का प्रतिनिधित्व करता है।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसदीय प्रणाली में नियमावली में परिवर्तन सहित संसदीय घटनाओं को रोकने पर विचार-विमर्श हो और सुझाव आने चाहिए। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ प्राचीन भारत में सभाओं-समितियों के अनुरूप प्रतीत होता है। लोकतंत्र भारत की माटी में रचा-बसा है।


अनेकता में एकता, भारत के लोकतंत्र का मूलमंत्र - योगी आदित्यनाथ


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि सम्मेलन उत्तर प्रदेश में हो रहा है। एकता में अनेकता ही भारत की विशेषता है। सीपीए ने लोकतंत्र को सुसाध्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाये रखने की जिम्मेदारी हमें सौंपी है, इसलिए हमे अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा। सरकार तभी काम कर सकती है, जब सदन बाधित न हो, इससे जनता की भावनाएं भी आहत होती हैं।



मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपनी नीतियों से समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ देना चाहती है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले सदन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 150वें जन्मदिवस पर 36 घंटे चला, जिसका हमंे उन योजनाओं को पूरा करने का लाभ मिला। उन्होंने कहा इसके लिए सीपीए के सभी सदस्यों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए विधान सभा से जुड़े सभी लोगों का मैं आभार व धन्यवाद व्यक्त करता हूँ। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि लोकतंत्र आमजन की खुशहाली के लिए है। एकता-विविधता को देश के लोकतंत्र ने सहजता से अपना लिया है। तमाम चुनौतियां हैं, जिनका समाधान ऐसे सम्मेलन से निकलेगा। भारत का संविधान राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाये रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलनों से ही ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा। सरकार तभी काम कर सकती है जब सदन  बाधित न हो, इससे जनता की भावनाएं भी आहत होती हैं।



संसदीय भाषा का स्तर नहीं गिरना चाहिए-लालजी टंडन
मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि यहां के दोनों सदन का मैं सदस्य रहा हूँ। इस विधानसभा का एक लम्बा इतिहास रहा है। इसमें कितनी सार्थक बहस हो चुकी है। उन्होंने कहा स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है वह जनता के मन को समझता है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के दिशा निर्देशन में विधेयक पारित हुए हैं, उसके लिए उनकी भूमिका सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सत्ता का काम सरकार चलाना होता है। उसी तरह विपक्ष को अपनी बात कहने का पूरा हक होता है। दोनों पक्षों को बोलने के लिए लक्ष्मण रेखा नहीं पार करनी चाहिए, लेकिन आज संसदीय भाषा का क्षरण हो रहा है, ये बहुत ही चिंता की बात है। सदन में मर्यादा बनाये रखनी चाहिए, किसी के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए, यही सच्चे लोकतंत्र की पहचान होती है। सदन को ठीक से चलाया जाना चाहिए। श्री टंडन ने कहा कि सदन में भाषा की मर्यादा का पालन करना चाहिए। पीठासीन अधिकारी का दायित्व है कि वह सदन में सरकार का बचाव करे  और लोकतंत्र का भावना मजबूत रहे, इसके लिए विपक्ष का भी सम्मान बनाए रखे। 


सरकार विपक्ष को संतुष्ट कर दे तो सदन में व्यवधान नहीं होगा - राम गोविंद चैधरी नेता  विरोदी दल


यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चैधरी ने कहा कि सीपीए सम्मेलन से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। यूपी विधानसभा का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत की संसदीय व्यवस्था की दुनिया में अलग साख है। सभी को स्वतंत्रता का अधिकार है, ऐसा कोई कानून  नहीं है, जो अधिकारों को छीनता हो। यहां सभी धर्मों को स्वीकार किया जाता है। संसदीय लोकतंत्र मजबूत हो, इसका संदेश यूपी से पूरे देश मे जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संसदीय प्रणाली का महत्वपूर्ण योगदान होता है। विपक्ष की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। सदन में उठाये जाने वाले मामले जनता के होते हैं ना कि किसी दल के होते हैं। उन्होंने कहा कि सदन में जो व्यवधान उत्पन्न होता है, वह ठीक नहीं है। लेकिन सरकार अगर अपने जवाब से विपक्ष को संतुष्ट कर दे तो मेरा विश्वास है कि सदन निर्बाध गति से चलता रहेगा। श्री चैधरी ने कहा कि इस सम्मेलन से संसदीय लोकतंत्र की मजबूती के लिए और कारगर सुझाव आएं। संसदीय लोकतंत्र की मजबूती में यूपी अगुवाई करे। देश में जब-जब संकट आया तब-तब उत्तर प्रदेश ने अगुवाई की है ।


संसदीय गतिरोध रोकने की जरूरत -हृदय नारायण दीक्षित


उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि सामाजिक बदलाव की स्थिति पूरे विश्व में बदली है। इसलिए कॉमनवेल्थ देशों में भी बदलाव की जरूरत है। हमें ऐसी व्यवस्था करनी है कि आपसी सामन्जस्य से संसदीय गतिरोध रोकने के लिए गहन विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश वह राज्य है जिसने देश को नौ प्रधानमंत्री दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यूपी के वाराणसी से सांसद हैं। उन्होंने कहा कि इसके पहले पटना में भी इस तरह का सम्मेलन हुआ था। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री की प्रेरणा से ही पिछले दिनों गांधी जयंती पर हमने 36 घंटे का अनवरत सत्र चलाया था। उसी के बाद इस सीपीए सम्मेलन की कल्पना बनी। उन्होंने कहा कि यह सदन ऐतिहासिक सदन है, जो देश की सबसे बड़ी जनसंख्या का नेतृत्व करता है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भाषा विश्वविद्यालय में परीक्षा को नकल विहीन बनाने के लिए उठाए गये कड़े कदम

यूपी रोडवेज: इंटर डिपोज क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में कैसरबाग डिपो ने चारबाग डिपो को पराजित किया

भाजपा की सरकार ने राष्ट्रवाद और विकास को दी प्राथमिकताः नीरज शाही