यूपी विधान सभा में ई विधान लागू कर पेपर लेस करना एक महत्वपूर्ण कार्य : सतीश महाना

  • विधानसभा अध्यक्ष ने छः माह की गिनाई उपलब्धियां

  • राष्ट्रपति द्वारा 18वीं विधानमंडल के संयुक्त अधिवेशन को संम्बोधित करना एक बड़ी उपलब्धि है: विधानसभा अध्यक्ष

  • विधायकों के वाहनो में लगेगा चिप जिससे वे बिना रूकावट के अंदर आ सकें

  • सत्र के दौरान सदस्यों की जन्मतिथि पड़ने पर उनको सदन के अंदर बधाई देने के परम्परा भी प्रारम्भ की गई

  • विधानसभा की निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए संसदीय पत्रकारिता पर गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा 

मीडिया को सम्बोधि करते विधानसभा अध्यक्ष

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना आज विधान भवन के राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हॉल में पत्रकार वार्ता के दौरान 18वीं विधानसभा के गठन के उपरान्त छः माह की उपलब्धियों पर प्रकाश डलते हुए कहा कि 29 मार्च 2022 को अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने के पश्चात् छः माह के कार्यकाल में राष्ट्रपति द्वारा विधान मण्डल के संयुक्त सदन को सम्बोधन, देश की सबसे बड़ी उत्तर प्रदेश की विधान सभा में ई-विधान की व्यवस्था की लागू गई, जिसको पूरे देश में सराहा गया। ई-विधान का उद्घाटन लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने किया एवं उन्होंने इसे उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया। 

श्री महाना ने कहा कि ई-विधान के लागू होने के पश्चात् सभी विधायकों को इसका प्रशिक्षण दिया गया एवं संतोष की बात है कि लगभग 90 प्रतिशत से अधिक विधायक इसका उपयोग भी करते हैं एवं विधान सभा में कागज के प्रयोग की संख्या कम हुई है। सभी सदस्यों को ई-विधान योजना के अंतर्गत टैबलेट भी वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि विधान सभा के सदस्यों को उनकी शैक्षणिक योग्यता एवं उनके व्यवसाय के आधार पर समूह बनाकर उनके साथ भोजन पर संवाद भी किया गया, जिससे उनकी समस्याएं भी ज्ञात हुईं। इस प्रकार समूह बनाकर विधायकों के साथ संवाद करने का मुख्य उद्देश्य अपनी अपेक्षाओं से अवगत कराते हुए सदन के संचालन में सहयोग प्राप्त करना था, एवं विधायिका की बैठकें कम होने के दृष्टिकोण से सदस्यों के साथ इस प्रकार का संवाद विधायकों की उपादेयता को सिद्ध करेगा।  

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अठारहवीं विधान सभा के गठन के पश्चात् दोनों सत्रों में यह विशेष उपलब्धि रही कि सदन में स्थगन नहीं रहा एवं अधिक से अधिक प्रश्न सदन में लिए गए एवं कई बार सभी तारांकित प्रश्नों पर चर्चा हुई। विधायकों द्वारा वृहद् संख्या में याचिकाएं प्रस्तुत की गई, जिससे जनहित के कार्य सम्पन्न होंगे। इसके अतिरिक्त नियम-301 एवं 51 में भी उदारतापूर्वक विधायकों की सूचनाओं को स्वीकार किया गया। सदन की बैठकें देर रात तक भी संचालित की गई, जिससे सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से सम्पन्न किया जा सका।  

श्री महाना ने कहा कि विधान भवन में कई क्षेत्रों में जीर्र्णांेद्धार किया गया। विशेष रूप से चित्र-वीथिका एवं कॉरिडोर की साज-सज्जा की गई एवं विधान सभा की गरिमा को सुनिश्चित भी किया गया। सदन में ‘हाँ’ एवं ‘ना’ लॉबी में भी जीर्णोंद्धार किया गया, अन्य कॉरिडोर्स में पुनरोद्धार किया गया एवं कई कार्य प्रगति पर हैं। इसके अतिरिक्त विधान सभा की गरिमा के अनुरूप अवस्थापना के संदर्भ में कतिपय अन्य कार्य किए जाएंगे। 

विधानसभा अध्यक्ष ने सुरक्षा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विधान सभा में एक्सेस कंट्रोल के सिस्टम स्थापित करते हुए सुरक्षा व्यवस्था को संसद के समान बनाया गया, जिसका दूसरा चरण शीघ्र ही पूर्ण किया जाएगा। इस सुरक्षा व्यवस्था के अंतर्गत सभी सदस्यों के वाहनों में ‘चिप’ के माध्यम से यह व्यवस्था की जाएगी के उनके वाहन बिना किसी रुकावट के अंदर आ सकें एवं अन्य वाहनों को रोका जा सके। श्री महाना ने कहा कि विधान सभा के सत्र के दौरान जिन सदस्यों की जन्मतिथि पड़ती है, उनको सदन के अंदर बधाई देने के परम्परा भी प्रारम्भ की गई। आजादी के बाद देश की किसी भी विधान सभा में प्रथम बार महिला विधायकों के लिए एक विशेष उपवेशन सम्पन्न हुआ। सभी महिला सदस्यों द्वारा इस उपवेशन में भाग लिया गया एवं इसकी चर्चा पूरे देश में हुई। 

विधान सभा अध्यक्ष ने कहा कि शीघ्र ही विधान सभा की कार्यवाही की निष्पक्ष रिपोर्टिंग के संबंध में संसदीय पत्रकारिता पर एक गोष्ठी आहूत की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ पत्रकारों एवं वरिष्ठ राजनीतिक महानुभावों द्वारा इस पर चर्चा की जाएगी कि किस प्रकार से सदन की कार्यवाही की रिपोर्टिंग निष्पक्ष रूप से एवं सकारात्मक रूप से की जा सके। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधान सभा के तत्वावधान में युवा संसद (यूथ पार्लियामेंट) आहूत किए जाने की भी योजना है, जिसमें युवाओं को आमंत्रित करके युवा संसद का कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाएगा। इस युवा संसद की रूपरेखा को शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा। इस युवा संसद का मुख्य उद्देश्य यह होगा कि प्रदेश केे युवा, संसद एवं उसकी कार्यवाही के प्रति संवेदनशील हों एवं उनको इस बात के लिए उत्साहित किया जा सके कि वे संसदीय जीवन में आने की भी अभिलाषा रखें। उन्होंने कहा कि विधान सभा की प्रक्रिया एवं नियमावली की जटिलताओं को नव-निर्वाचित विधायकों को समझने के लिए विधान सभा की प्रक्रिया एवं नियमावली को सरलीकृत रूप में प्रकाशित कराकर सभी सदस्यों को वितरित कराया जाएगा, जिससे वे विधान सभा की नियमावली के विषय में भिज्ञ हो सकें एवं उसका निर्वहन कर सकें।

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