परिवहन निगम में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव 31 मई को


इस चुनाव में वर्तमान अध्यक्ष के साथ प्रदेश संगठन के दिग्गज भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं
लखनऊ।


उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के यूपी रोडवेज इम्प्लाईज यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की तारिख घोषित हो गई है। प्रांतिय संगठन द्वारा इसके पहले दो बार तारीख निर्धारित की लेकिन देश की एसेम्बली का चुनाव होने के कारण तिथि को आगे बढ़ा कर 31 मई किया गया है।



चुनाव की गहमा.गहमी में प्रत्याशी कर्मचारियों के बीच अपनी पैठ बनाने में लगे हुए हैं। इस बार क्षेत्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में वर्तमान अध्यक्ष रूपेश कुमार को टक्कर देने प्रांतिय संगठन में उपाध्यक्ष स्वदेश मिश्रा आ रहे हैं।



माना जा रहा है कि रूपेश कुमार जब आलमबाग डिपो के अध्यक्ष थे तब उन्होंने कर्मचारियों के हक बहुत लड़ाई लड़ी जिसकी बदौलत कर्मचारियों ने उन्हें क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया। रूपेश कुमार क्षेत्रीय अध्यक्ष पद पर रहते हुए दो वर्षों में कर्मचारियों के साथ हमेशा खड़े रहे और उनकी आवाज को शासन स्तर तक पहुंचाया और उनकी समस्याओं का समाधान कराया।



कर्मचारियों से जुड़े तमाम मुद्दों जैसे मृतक आश्रितों को नियमित करने, इलाहाबाद रूट पर डीडीआर लागू कराने, परिवहन निगम को राजकीय रोडवेज करने, आलमबाग डिपो में निलंबित चल रहे कर्मचारियों को बहाल कराने, संविदा कर्मचारियों नियमित करने एवं किलोमीटर की जगह फिक्स मानदेय लागू करने जैसे मुद्दों पर लड़ाई लड़ी और उन्हे लागू भी कराया। इसके अलावा समाज सेवा करते हुए लखनऊ क्षेत्र के बस अड्डों पर अलाव की व्यवस्था कराने एवं कम्बल का वितरण कराने के साथ बस अड्डो के पास शराब की दूकानों को हटवाने का प्रयास किया।



रूपेश कुमार के नेतृत्व में आलमबाग बस अड्डे पर पार्किग व रेस्टरूम मे ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों से लिए जा रहे पैसे का विरोध किया गया और धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों से लिए जा रहे 8 घण्टे के 40 रुपये बन्द कराया गया। इसके अलावा आलमबाग डिपो के संविदा कर्मचारियों की दुर्धटना में मृत्यु पर अथक प्रयास व कर्मचारियों के सहयोग संविदा परिचालक अरविंद कुमार के परिजनों को 20500 रू एवं संविदा परिचालक धनंजय कुमार की मृत्यु के उपरांत उनके परिजन को 57600रू की आर्थिक सहायता प्रदान कराने का कार्य किया गया। रूपेश कुमार के इन कार्यों से कर्मचारियों के बीच उनकी छवि एक लोकप्रिय नेता की बन गई है। देखना यह है कि रूपेश कुमार की लोकप्रियता के आगे प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष का पद छोड कर श्रेत्रीय अध्यक्ष बनने में स्वदेश मिश्रा कहां तक सफल हो पाते हैं।


 


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