शिक्षा का दीपक है सुभारती विश्वविद्यालय: डा. आमिया भौमिक

 


एमबीबीएस 2012 बैच की छात्रा डा. सृष्टि शर्मा को 7 गोल्ड मेडल मिलने के साथ उन्हें विश्वविद्यालय की बेस्ट छात्रा के खिताब से भी नवाज़ा गया।


विभिन्न संकायों एवं विभागों के हौनहार 35 छात्र छात्राओं ने बटोरे स्वर्ण पदक। 10 छात्र छात्राओं को उत्कृष्ठा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। दो छात्र छात्राओं को मिला नकद पुरस्कार। एमबीबीएस 2012 बैच की छात्रा डा. सृष्टि शर्मा बेस्ट छात्रा के खिताब से भी नवाज़ा गया साथ ही बेस्ट छात्र का खिताब वेदांत कंसल को मिला। यूजी के 1437 छात्र छात्राओं एवं 317 मास्टर के छात्र छात्राओं को मिली उपाधि।




मेरठ।


हाथों में डिग्रीयां चेहरे पर कामयाबी की चमक एवं इरादों में देश को बुलंदियों पर ले जाने की प्रेरणा के साथ शानिवार को स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय का मांगल्य प्रेक्षागृह दीक्षांत समारोह का साक्षी बना। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता सुभारती विश्वविद्यालय की कुलाधिपति एवं पूर्व प्रशासिनक अधिकारी 1978 बैच श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड़ ने की एवं मुख्य अतिथि के रूप में लिंकन विश्वविद्यालय मलेशिया के कुलपति डा. आमिया भौमिक रहें।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड ने मुख्य अतिथि डा. आमिया भौमिक, सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एन.के आहूजा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया एवं सुभारती विश्वविद्यालय की संस्थापिका डा. मुक्ति भटनागर, संस्थापक डा. अतुल कृष्ण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज ने अतिथियों का अभिनंदन किया। 
इस दौरान बौद्ध विद्वान डा. चन्द्रकीर्ति भंते के नेतृत्व में बौद्ध भिक्षुओं ने मंगलाचरण वंदना प्रस्तुत कर सभी को बौद्ध धर्म की धारा में प्रवाहित कर दिया।



स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एन.के आहूजा ने स्वागत भाषण में सुभारती विश्वविद्यालय के सभी कॉलिजों एवं विभागों में चलाए जा रहे विभिन्न कोर्सो के बारे में सभी को अवगत कराया। उन्होंने छात्र छात्राओं को डिग्रीयां मिलने पर अपनी शुभकानाएं देते हुए संकल्प दिलाया कि सुभारती विश्वविद्यलाय का प्रत्येक छात्र भविष्य में अपने संस्कारों एवं अपनी योग्यता के दम पर भारत का नाम विश्व पटल पर स्वर्णिम अक्षरों में लिखने में अपना भरपूर योगदान देंगे। उन्होंने छात्राओं को अधिक मेडल जीतने पर बधाई देते हुए कहा कि जिस तरह बेटियों ने मेडल जीते हैं वह काबिले तारीफ है। बेटियां आगे बढ़ती है तभी समाज आगे बढता है और बेटियों की आवाज बदलाव की आवाज है। इस अवसर पर उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के 9 सदस्यों को नौरत्न का पुरस्कार देकर सम्मानित किया।


स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय की संस्थापिका डा. मुक्ति भटनागर ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि आप युवा हैं और देश का भविष्य है और आने वाले समय में आप अपनी क्षमताओं से देश का नाम विश्व पटल पर रोशन करेंगे। उन्होंने छात्र छात्राओं को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि जीवन में हमेशा सकारात्मक मानसिकता एवं रचनात्मक विचारधारा के साथ कार्य करना चाहिए जिससे सफलता हासिल होती है, जीवन में कभी हार से डरना नही चाहिए क्यांकि असफलता ही सफलता को हासिल करने का कारण बनती है।


समारोह की अध्यक्षता कर रही सुभारती विवि की कुलाधिपति श्रीमति स्तुति नारायण कक्कड ने अपने उद्बोधन में कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता का बेमिसाल संगम है जो अपने विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की विरासत को संभालने एवं अपनी संस्कृति को जीवित रखने के लिए प्रेरणा दे रहा है वह बहुत सराहनीय है। उन्होंने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में संस्कारों के साथ देश हित में अपना योग्दान देने के लिए इरादों का बुलंद होना आवश्यक है। जीवन में लक्ष्य बनाकर उसे प्राप्त करने के लिए परिश्रम करना भी आवश्यक है ताकि सफलता प्राप्त हो सके, इसके साथ छात्र अपनी विरासत और जिम्मेदारियों का निर्वहन करें। उन्होंने छात्र छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह एक ऐसा क्षण होता है जिसमें विश्वविद्यालय से ज्ञान एवं समाज को सशक्त बनाने की विचारधारा अर्जित करके देश के भविष्य निर्माण में जुटा जाता है। उन्होंने सभी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए उनसे देश हित में अपना योगदान देने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।


मुख्य अतिथि मलेशिया के लिंकन विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आमिया भौमिक ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय का हर एक कॉलिज एवं विभाग भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है और जिस प्रकार बौद्ध धर्म एवं कला को उत्साहित होकर संरक्षण व प्रचार प्रसार किया जा रहा है इस बात से यहां नालंदा विश्वविद्यालय जैसी झलक प्रतीत होती है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डा. अतुल कृष्ण को बधाई देते हुए कहा कि सुभारती ने प्राचीन भारतीय सभ्यता एवं बौद्ध धर्म को पल्लवित करने का जो ऐतीहासिक कार्य किया है इस बात से पूरा विश्व सुभारती विश्वविद्यालय को नमन करता है। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के शौक्षिक कार्यो की सराहना की एवं सभी छात्र छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिये अपनी मंगलकामनाएं दी। धन्यवाद ज्ञापन डा.डीसी सक्सेना ने दिया एवं मंच का संचालन डा अंशुल सक्सेना, डा.बरखा भारद्वाज, डा म्रीनली अग्रवाल ने किया।
दीक्षांत समारोह का मुख्य आर्कषण वियतनाम से आए प्रो. थिंक नाथू के नेतृत्व में 50 बौद्ध विद्वान एवं शोधार्थी रहे, जिन्होंने सुभारती विवि के प्राचीन बोधिवृक्ष के दर्शन कर विधिवत पूजा अर्चना की। इस दौरान सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो ने उनकी अगुवानी करते हुए उन्हें सुभारती विवि के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बौद्ध धर्म एवं कला के लिये किये जा रहे कार्यो से रूबरू कराया।
समारोह में दो शिक्षाविदों को डी.लिट की मानद उपाधि से नवाजा गया जिसमें वियतनाम के प्रो. थिंक नाथू तथा भारतीय विश्वविद्यालय संघ के महासचिव प्रो. डॉ. फुरकान कमर शामिल रहें।


दीक्षांत समारोह के मुख्य समन्वयक सुभारती डेन्टल कॉलिज के प्राचार्य डा. निखिल श्रीवास्तव ने बताया कि एमबीबीएस 2012 बैच की छात्रा डा. सृष्टि शर्मा को 7 गोल्ड मेडल मिलने के साथ उन्हें विश्वविद्यालय की बेस्ट छात्रा के खिताब से भी नवाज़ा गया। बेस्ट छात्र का खिताब वेदांत कंसल को मिला। इसके साथ ही विभिन्न संकायों एवं विभागों के हौनहार 35 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया। दो छात्र छात्राओं को ग्यारह-ग्यारह हजार के नकद पुरस्कार दिया गया जो एमबीबीएस 2017 की विदिशा जैन एवं एमबीबीएस 2017 के ही छात्र अभीकरण को मिला। 10 छात्र छात्राओं को उत्कृष्ठा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि कुल यूजी के 1437 छात्र छात्राओं को उपाधि दी गई, मास्टर के 317, पीएचडी के 22, एमफिल के 6 छात्र छात्राओं को उपाधि दी गई है। उन्होंने दीक्षांत समारोह के सफल आयोजन पर छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए दीक्षांत समारोह आयोजन समिति के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। 
गोल्ड मेडल पाने वाले छात्र छात्राएं- डा. सृष्टि शर्मा एमबीबीएस 2012, लिपिका मैहरा एमबीबीएस 2012, साची गुप्ता एमबीबीएस 2012, डा. विनोद सैनी एमडी/एमएस 2015, डा. नमन बंसल एमडी/एमएस 2015, डा. निधि त्यागी एमडी/एमएस 2015, रिया राघव बीडीएस 2014, कीर्ति मान बीडीएस 2014, मानवी भाद्वाज बीडीएस 2014, फय्याज अहमद डार बीडीएस 2014, अनिशा जैन बीडीएस 2014, कीर्ति त्यागी बीएससी होम साइंस 2015, निकिता गुप्ता बीबीए 2015, प्रीति सिंघल बीएड 2016-18, धर्मराज बीपीएड 2016-18, मानसी अरोड़ा बीएफए 2014, जिबसे जॉन बीएससी 2014, नेहा बीजेएमसी 2015-18, प्रार्ची जौहरी बीएएलएलबी 2013, चन्द्र किरण मोर्या बीटेक 2017-18 निजोकू चिदेरा चिंथया बीफार्मा 2014-18, उनसा परवीन फिजियोथैरिपी 2013, राजेन्द्र कौर बीसीए 2015-18, चंचल बीएलआईएस 2017-18, पविनिका अश्वल बीकॉम 2015, अनुशी चौहान बीएनवाईएस 2013, वर्षा राय बीकॉम 2015 को मिला।


उत्कृष्ठा प्रमाण पत्र पाने वाले छात्र छात्राएं- नर्सिग कॉलिज की बिन्सी सी राजू , फिजीयोथैरिपी कॉलिज की प्रतिका सिंह, सुभारती लॉ कॉलिज की अदीबा चौधरी, पूजा त्यागी फाईन आर्ट कॉलिज, शुभांगी भटनागर मैनेजमेंट कॉलिज, तृप्ति चौहान साइंस कॉलिज, पिंकी शर्मा एवं शमा नफीस लाइब्रेरी साइंस, डा. आकांशा त्रिपाठी सुभारती मेडिकल कॉलिज, डा. प्रीति एमडीएस, प्रफुल्ल उपाध्याय शारीरिक शिक्षा विभाग को मिला।


इनकी रही विशेष उपस्थिती- वियतनाम के प्रो. थिंक नाथू , भारतीय विश्वविद्यालय संघ के महासचिव प्रो. डॉ. फुरकान कमर, पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. मैराजुद्दीन अहमद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.शल्या राज, सुभारती ट्रस्ट के अध्यक्ष डा. हिरो हितो, सुभारती विवि के कुलसचिव ई.पीके गर्ग, अतिरिक्त कुलसचिव सैयद जफर हुसैन, रासबिहारी बोस सुभारती विवि देहरादून के कुलपति डा.श्री राम, कुलसचिव डा. मनोज सिन्हा, सुभारती देहरादून मेडिकल कॉलिज के डा.देववृत राय, मेरठ बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष डा. ओपी शर्मा, पूर्व विधायक मथूरा प्रदीप माथूर, डा. प्रदीप राघव, दीक्षांत समारोह की समन्वयक निधि नौटानी सहित सभी संकायों के प्राचार्य उप प्राचार्य एवं फैकल्टी मैंबर सहित दीक्षांत समारोह आयोजन समिति के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा।



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