आलमबाग बस स्टैंड पर गर्म पानी पिने को मजबूर एसी बस के यात्री
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के आलमबाग डिपो का मामला
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की वातानुकूलित बसों के यात्रियों का शोषण किया जा रहा है। वातानुकूलित बसों के किराए में कोई कमी नहीं लेकिन उस किराए में मिलने वाली सुविधाएं नदारत है।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाया गया उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के आलमबाग बस स्टैण्ड से प्रतिदिन लगभग 265 वातानुकूलित बसों का संचालन होता है और उसमें लगभग 1200 यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं। इन बसों का किराया ट्रेन के वातानुकूलित तृतीय श्रेणी से भी ज्यादा होता है। वातानुकूलित बसों के यात्रियों को सुविधाएं भी उसी श्रेणी के हिसाब से मिलनी चाहिए लेकिन ऐसा नही है। वातानुकूलित बस में मिलने वाले एक लीटर पानी की बोतल का दाम भी किराये में शामिल होता है। लेकिन यात्रियों इस भीषण गर्मी में आधा लीटर गरम पानी की बोतल सप्लाई की जा रही है जबकि नियमतः गर्मी के मौसम में ठण्डे पानी की बोतल मिलनी चाहिए। पानी ठण्डा न मिलने की वजह से यात्री की परिचालकों व चालको से प्रतिदिन तूतू-मैमै होती है। और अंततः यात्रियों को पानी पीने के लिए ठण्डा बोतल दुकानों से खरीदना पड़ता हैं।
इस सन्दर्भ में लखनऊ परिक्षेत्र के आरएम पल्लव बोस ने का कहना है कि एसी बसों में नार्मल पानी की बोतल की सप्लाई की जाती हैं। बसों में फ्रीजर लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है।सप्लायर द्वारा पानी की बोतल ठण्डा करके लाने पर भी वह यात्रियों को दिये जाने के समय तक गरम हो जायेगा। इस लिए नार्मल पानी की सप्लाई की जाती है।
इस सन्दर्भ में क्षेत्रिय अध्यक्ष रूपेश कुमार का कहना है कि पहले जब आलमबाग बस अड्डा पीपी माडल पर नही बना था तब लगभग वर्ष 2013 से 2015 के बीच जिस कम्पनी को सप्लाई का ठेका दिया गया था उस कम्पनी ने आलमबाग बस अड्डे पर एक डिप फ्रीजर लगा रखा था जिसके बिजली का बिल वो परिवहन निगम को जमा करता था। कम्पनी बोतल को डिप फ्रीजर में ठण्डा करके आइसबाक्स में लगा कर देती थी जिससे बोतल काफी देर तक ठण्डा रहता था। बर्फ खत्म हो जाने पर जिस स्टेशन पर बस होती थी वहीं बर्फ खरीद कर बाक्स में डाल दिया जाता था। जिससे आने और जाने दोनो तरफ के यात्रियों को ठण्डे पानी की बोतल आसानी से मुहैया हो जाता था।
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