भ्रम से बचे लोग: प्रकाश जावडेकर
नागरिकता संशोधन कानून नई दिल्ली। देशभरमें नागरिकता कानून के संबंध में चर्चा चल रही है और गलतफहमी के शिकार लोग आंदोलन पर उतर आये हैं। कुछ राजनीतिक दल और मोदी विरोधक इसी को अवसर मानकर इसको और भड़काने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिये वास्तविकता साफ करना जरूरी है। पहले तो नागरिकता संशोधन बिल- 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) ये दो अलग विषय हैं। आज जो संभ्रम पैदा किया जा रहा है वह मुख्यतः इन दोनों विषयों को मिलाकर एक भय का माहौल अल्पसंख्यक समुदाय में पैदा करने की कोशिश की जा रही है। उसी का नतीजा हम देखते हैं कि आंदोलन में लोग उतर आये हैं। लोगों में एक झूठा डर पैदा किया गया है कि अब इन सारे कदमों से मुसलमानों का संरक्षण समाप्त हो जायेगा और उन्हें बाहरी घोषित किया जायेगा। इससे बड़ा झूठ राजनीति में आज तक कभी भी मंडित नहीं किया गया। पहले तो नागरिकता संशोधन बिल को समझें। बांग्लादेश-पाकिस्तान विभाजन के समय भारत का हिस्सा थे और अफगानिस्तान पहले से विशाल भारत का हिस्सा रहा है पाकिस्तान और बांग्लादेश की निर्मति मजहब के आधार पर हई और मजहब के आधार पर अनेक अल्पसंख्यक मुसलमान लोग बांग्लादेश और पाक