सावरकर विचार मंच द्वारा समान नागरिक संहिता और श्रेष्ठ भारत विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया

लखनऊ (नागरिक सत्ता)। लखनऊ के आईआईए सभागार विभूति खंड में आयोजित व्याख्यान के मुख्य वक्ता सुशील पंडित ने कहा कि समान नागरिक संहिता, श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए संविधान लागू होने के पहले दिन से प्रभावी होनी चाहिए थी। संविधान में कश्मीर के लिए धारा 370 खत्म करने का प्रावधान किया गया। तत्कालीन सरकारों को उसे समाप्त करने में 70 वर्ष का समय लगा। वर्तमान में देश को श्रेष्ठ भारत बनाने के लिए कामन सिविल कोड लागू किया जाना बेहद जरूरी है।

सुशील पंडित ने आगे बताया कॉमन सिविल कोड तो 70 साल पहले ही लागू कर दिया जाना चाहिए था, जब हिन्दुओं पर शारदा एक्ट लागू किया गया था। इसमें हिन्दू महिला एवं मुस्लिम महिला के समानता के अधिकारों के बीच समानता आएगी। आने वाले भावी नागरिक जो दुनिया में अभी नहीं आए हैं, जिनकी डिलीवरी अभी नहीं हुई है, ऐसे मुस्लिम बच्चे जिनमें उत्पन्न होने के बाद हिन्दुओं में यह अधिकार होता है, जबकि मुस्लिम में नहीं। अन्य संपत्ति मामलों में जो समानता अभी तक नहीं है, वह भी आ जाएगी।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ अजय दत्त शर्मा द्वारा मुख्य वक्ता सुशील पंडित का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस मौके पर सूर्यमणी सिंह रैकवार एडवोकेट, रवि कचरू "पनुन कश्मीर" उपस्थित रहे।


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